दिल्ली कार ब्लास्ट मामले की जांच में पुलिस जुटी है। इसी बीच फरीदाबाद में भारी विस्फोटक के साथ पकड़े गए डॉक्टर मुजम्मिल शकील ने पूछताछ में अहम जानकारी दी है।

 

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए धमाके की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इस धमाके के तार हाल ही में फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल से जुड़ते दिख रहे हैं। जांच एजेंसियों को शक है कि इस हमले में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। यह वही विस्फोटक तत्व है, जो फरीदाबाद में 2900 किलो मात्रा में बरामद किया गया था।

धमाके में शामिल कार के फरीदाबाद मॉड्यूल से संबंध

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, खास बात ये है कि धमाके में इस्तेमाल Hyundai i20 कार का नंबर भी हरियाणा का है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, धमाके के वक्त कथित तौर पर पुलवामा निवासी उमर मोहम्मद कार चला रहा था। बताया जा रहा है कि यह वही उमर मोहम्मद है, जिसे पकड़े गए आरोपियों ने आतंकी मॉड्यूल का सदस्य बताया था। इसके अलावा पुलिस को संदेह है कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल और डेटोनेटर्स का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही की जाएगी।गिरफ्तारी के डर से किया धमाका

पुलिस सूत्रों की मानें तो फरीदाबाद समेत विभिन्न जगहों से आतंकी मॉड्यूल के तकरीबन आठ सदस्य गिरफ्तार हुए थे। इसमें फरीदाबाद का डॉक्टर मुजम्मिल भी शामिल था। इन आरोपियों ने खुद को जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा होना स्वीकार किया। इसके अलावा पुलिस जांच में डॉक्टर उमर मोहम्मद का नाम भी सामने आया था। दावा किया जा रहा है कि सीसीटीवी फुटेज में मास्क पहनकर कार चला रहा व्यक्ति डॉक्टर उमर मोहम्मद है, जिसने पुलिस गिरफ्तारी से खुद को बचाने के लिए लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार में विस्फोट किया।

दिल्ली के बाजारों में की थी रेकी

जांच एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली है कि आतंकियों ने दिल्ली के कई भीड़भाड़ वाले इलाकों की रेकी (जासूसी) की थी। इनमें आजादपुर फल-सब्जी मंडी समेत कई प्रमुख बाजार शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने अपने स्थानीय परिचितों की मदद भी ली थी। जांच में पता चला है कि संदिग्धों ने करीब तीन महीने पहले फरीदाबाद में किराए पर मकान लिया था, जहां पर वे धीरे-धीरे विस्फोटक इकट्ठा कर रहे थे। पड़ोसियों के अनुसार, आरोपी खुद को डॉक्टर बताकर इलाके में रहते थे और अधिकतर समय घर के अंदर ही बिताते थे।हादसे में नौ लोगों ने गंवाई जान

दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने बताया कि सोमवार शाम करीब 6:52 बजे यातायात सिग्नल पर धीमी गति से चल रही i20 कार में विस्फोट हुआ। कार में सवार लोगों के अलावा आसपास के वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। इससे पहले सोमवार को देश के अलग-अलग हिस्सों से 3 डॉक्टरों समेत 8 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से कुल 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। पुलिस का कहना है कि इस कार्रवाई से जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवातुल हिंद से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, जो जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सक्रिय था।

पुलिस और NIA संयुक्त जांच में जुटी

जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, जब्त विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल हैं। इनमें फरीदाबाद में गनी नामक व्यक्ति के किराए के मकान से बरामद 360 किलोग्राम ज्वलनशील सामग्री भी शामिल है। शुरुआती जांच में इन सभी में अमोनियम नाइट्रेट होने की पुष्टि के संकेत मिले हैं। फिलहाल पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की संयुक्त टीम इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। हालांकि, अभी तक किसी एजेंसी ने आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

दिल्ली-एनसीआर में आतंकी नेटवर्क फैलाने की योजना

गिरफ्तार आरोपियों में हैदराबाद निवासी डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद, यूपी के शामली निवासी आजाद सैफी और लखीमपुर खीरी निवासी मोहम्मद सुहेल शामिल हैं। एटीएस के अनुसार, फरीदाबाद स्थित किराए के घर से 2900 किलो विस्फोटक, रायफल, कई कारतूस, वायरिंग और डिटोनेटर समेत कथित डॉ. मुजम्मिल शकील को गिरफ्तार किया गया था। बाकी विस्फोटक सामग्री अन्य दो ठिकानों से मिली है। पूछताछ में अहम खुलासा हुआ है कि तीनों आरोपी आईएस-खुरासान प्रोविंस (ISKP) के हैंडलर अबू खादिम के संपर्क में थे। खादिम कथित रूप से दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में नेटवर्क फैलाने और बड़े धमाके करने की योजना बना रहा था।

नेटवर्क का विस्तार और मददगारों की तलाश

एटीएस और अन्य जांच एजेंसियां अब इस मॉड्यूल से जुड़े अन्य संभावित सहयोगियों और फंडिंग नेटवर्क की जांच में जुटी हैं। शुरुआती जांच में यह शक जताया जा रहा है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कुछ स्थानीय मददगार भी इस साजिश में शामिल थे। एजेंसियां अब तीन संदिग्ध फोन नंबरों की लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स खंगाल रही हैं। घटनाक्रम के बाद से फरीदाबाद, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। संदिग्धों के ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है। एटीएस सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में इस मामले में कई और गिरफ्तारियां संभव हैं।

क्या है आईएस-खुरासान प्रोविंस (ISKP)?

आईएसकेपी (Islamic State Khorasan Province), वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) की दक्षिण एशिया शाखा है। इसका नाम “खुरासान” उस ऐतिहासिक क्षेत्र से लिया गया है, जो कभी अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के हिस्सों को मिलाकर बनता था। यह संगठन विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कट्टरपंथ फैलाने और आतंक फैलाने की कोशिशों में सक्रिय माना जाता है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह अब तक की सबसे बड़ी जब्त की गई विस्फोटक मात्रा में से एक है, जिससे एक बड़ा आतंकी हमला टल गया।

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