सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर सवाल खड़े हो रहे…

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत सरकार युवाओं को पाँच लाख रुपये तक का लोन बिना ब्याज उपलब्ध करा रही है, ताकि वे खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें।लेकिन सुल्तानपुर जिले के मोतिगरपुर से जो हकीकत सामने आई है, वह सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना पर सवाल खड़े हो रहे है।स्थानीय युवाओं का आरोप है कि बैंक ऑफ बड़ौदा, मोतिगरपुर शाखा में कार्यरत मैनेजर सौरभ कुमार, फील्ड ऑफिसर अंकुर पांडेय और अनिल यादव योजना के तहत लोन पास करने के नाम पर आवेदकों से 60 से 80 हजार रुपये तक की रिश्वत मांग रहे हैं।युवाओं का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति रिश्वत देने से मना कर देता है, तो उसकी फाइल यह कहकर “सर्विस एरिया से बाहर” बता दी जाती है और महीनों बाद आवेदन खारिज कर दिया जाता है।योजना के तहत जिन युवाओं को लोन दिया गया, उनके व्यवसाय की भी कोई वास्तविक जांच नहीं की जा रही है।स्थानीय लोगों का कहना है कि कई ऐसे मामले हैं जहाँ लाभार्थियों ने व्यवसाय शुरू ही नहीं किया, फिर भी लोन स्वीकृत कर दिया गया — क्योंकि बैंक अधिकारियों को पहले ही “हिस्सा” मिल चुका था।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस योजना का उद्देश्य था — “हर युवा को आत्मनिर्भर बनाना।”लेकिन मोतिगरपुर में स्थिति उलटी नजर आ रही है। यहां युवा आत्मनिर्भर बनें या नहीं, पर बैंक अधिकारी जरूर आत्मनिर्भर हो गए हैं।वही दुसरी तरफ ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच कर दोषी बैंक अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि योजना का वास्तविक लाभ जरूरतमंद युवाओं तक पहुँच सके। और सरकार की मंसा को आगे बड़ाया जा सके जिससे युवा बेरोजगारी खतम हो सके !

Report By Arif Khan

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