चीन ने अमेरिका को टाइट कर रखा है। ऐसें में उसे घूम फिरकर अब भारत की याद आने लगी है। लेकिन भारत तो इस बार पूरी तरह से चौकन्ना है और उसने चेक एंड बैलेंस की रणनीति अपनाई हुई है। अब अमेरिका के साथ वैसा ही व्यवहार होगा जैसा अमेरिका करेगा। चीन और अमेरिका दो दो हाथ करने के लिए आमने सामने खड़े हैं। चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स के मामले में अमेरिका की बाहें मरोड़ दी हैं। तो अब अमेरिका चीन को धमका रहा है और फिर से भारत को अपने करीब लाने में लगा है। लेकिन दूध का जला तो छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है वाली कहावत को ध्यान में रखते हुए अब अमेरिका के प्रति भारत भी संतुलित रवैया अपनाने वाला है। भारत को  ऐसा  करना भी चाहिए और हर समझदार को ऐसा करना चाहिए।  ट्रंप ने बीते दिनों चीन पर 100% का टैरिफ लगाने की चेतावनी दी। जिसके बाद ड्रैगन भड़क उठा है। अब चीन ने ऐसा कदम उठाने की बात कही है जिसका असर अमेरिका, यूरोप सहित दुनिया के तमाम देशों पर पड़ने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीन पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। नया टैरिफ 1 नवंबर से लागू होगा। चीन से अमेरिका आने वाले सामानों पर पहले से 30% टैरिफ लग रहा है। ऐसे में चीन पर कुल 130% टैरिफ लगेगा। यानी एक बार फिर अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर छिड़ने वाला है, जिसका असर दुनियाभर में देखने को मिलेगा। चीन की ओर से प्रतिबंध कड़े किए जा रहे हैं और इन सबके बीच अमेरिका के होश फाख्ता हो रहे हैं। दरअसल चीन के साथ तनाव के बीच अमेरिकी वित्त मंत्री हैं स्कॉट बेंसेट। उन्होंने कहा कि अगर बीजिंग अपना रुख नहीं बदलता है तो फिर यूएस जोरदार जवाब देने के लिए पूरी तैयारी से है। उन्होंने सख्त लहजे में चेतावनी दी। कहा अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है। लेकिन अगर चीन अपना रुख नहीं बदलता तो वाशिंगटन कड़ा जवाब देगा। चीन ने  संकेत दिया कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 100 प्रतिशत शुल्क की धमकी के बावजूद पीछे नहीं हटेगा। उसने अमेरिका से आग्रह किया कि वह धमकियों के बजाय बातचीत के जरिये मतभेदों को सुलझाए। दरअसल रेयर अर्थ मिनरल्स के बाजार में चाइना की बहुत अच्छी पकड़ है और भारत की भी निर्भरता कई देशों पर रही है। भारत नए-नए बाजार अपने लिए तलाश रहा है और अमेरिका को इसका बड़ा नुकसान हो रहा है। ऐसे में अब अमेरिका चाइना को आंखें रेड़ रहा है और उम्मीद जता रहा है कि भारत उसकी मदद करेगा।

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