रेप पीड़ित मृतक बच्ची को 58 दिनों में मिला इंसाफ कोर्ट ने सुनाई सजा- ए-मौत

सूर्य विक्रम सिंह – ब्यूरो चीफ बुन्देलखण्ड

जनपद बांदा न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इंसाफ की एक मिसाल पेश की है जहाँ वारदात के बाद महज 3 महीने में ही न्यायालय ने 3 साल की मासूम बच्ची के रेपिस्ट दरिंदे को सजा-ए-मौत की सजा सुनाते हुए न सिर्फ पीड़ित परिवार को इंसाफ के रूबरू कराया वहीं घृणित और विकृत सोच रखने वाले दरिंदे को भी बेहद प्रभावी और सख्त संदेश दिया है

ग़ौरतलब हो कि 3 माह पूर्व चिल्ला थाना क्षेत्र के एक गांव में पड़ोसी ने घर के बाहर खेल रही मासूम 3 साल की बच्ची को अगवा कर लिया और बहला फुसला कर अपने साथ जंगल की ओर ले गया और फिर हैवानियत की सभी सीमाएं लाँघ कर मासूम बच्ची के साथ दरिन्दगी कर डाला और फिर उसको जंगल में फेंक दिया।

परिवार वालों की तहरीर पर पुलिस ने तलाशी की और बच्ची को जंगल से बरामद कर अस्पताल में भर्ती कराया था जहां इलाज के दौरान ही बच्ची की मौत हो गई थी। दरिंदे आरोपी को पुलिस ने मुठभेड़ में पैर में गोली मारते हुए गिरफ्तार किया गया था। पुलिस की सजग पैरवी के बाद आज फास्टट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश प्रदीप कुमार मिश्रा ने रेपिस्ट हत्यारे सुनील निषाद को फांसी की सजा के साथ ही 65000 का अर्थ दंड भी देने का फैसला सुनाया।
फैसले के बाद मृतक बच्ची की मां ने पुलिस अधीक्षक प्लास बंसल का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मेरी बच्ची को आज पुलिस अधीक्षक ने न्याय दिलाया है ऊपर वाले के घर में देर है अंधेर नहीं सजा सुनाने के बाद लोगों ने बांदा पुलिस की सराहना की और न्यायालय का धन्यवाद किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *