कौशल प्रशिक्षण से जेल कैदियों को मिली नई रोशनी, बना रहे उज्ज्वल भविष्य
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के अन्तर्गत जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना के तहत जेएसएस जहांगीरपुरी द्वारा रोहिणी जेल अधिकारियों के साथ मिलकर एक सर्टिफिकेशन वितरण समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन कैदियों के लिए आयोजित किया गया था जिन्होंने प्लम्बिंग और इलेक्ट्रिकल ट्रेड में सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 60 जेल कैदियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया जिनमें से 40 ने इलेक्ट्रिकल और 20 ने प्लम्बिंग ट्रेड में अपना प्रशिक्षण पूरा किया है।
इस कार्यक्रम के अवसर पर, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, “जन शिक्षण संस्थान द्वारा चलाए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिन जेल कैदियों ने प्लम्बिंग और इलेक्ट्रिकल ट्रेड में अपना प्रशिक्षण पूरा किया है, मैं उन सभी को विशेष बधाई देना चाहता हूँ। किसी भी संस्थान के लिए जेल में कौशल विकास कार्यक्रम चलाना आसान नहीं होता है लेकिन कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के तहत जन शिक्षण संस्थान द्वारा जेल प्रशासन के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम को आसानी से पूरा किया गया है। हमारा प्रयास है कि विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से जेल कैदियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना ताकि वे बेहतर आजीविका के साथ अपना जीवन स्तर सुधार सके।”
श्री तिवारी ने आगे कहा कि, प्रशिक्षण पूरा करने वाले सभी कैदियों को एनसीवीटी द्वारा मान्यता प्राप्त एक सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। इस सर्टिफिकेट के द्वारा उन सभी को भविष्य में रोजगार या स्वरोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। प्रशिक्षण पूरा करने वाले लाभार्थी अपनी सर्टिफिकेट सिद्ध पोर्टल से डाउनलोड कर सकेंगे। आज हुनर और कौशल को ज्यादा सम्मान मिल रहा है। जेएसएस एक ऐसी योजना है जिसके अन्तर्गत जमीनी स्तर पर कौशल को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि जेएसएस योजना को हम अन्य जेलों तक विस्तारित करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा कैदियों को हम कुशल बना सके। इतना ही नहीं, कौशल प्रशिक्षण के बाद हम लाभार्थियों को रोजगार दिलाने तक हर संभव सहायता करेंगे।
इस अवसर पर तिहाड़ जेल के डीजी सतीश गोलचा ने कहा, “सबसे पहले मैं जन शिक्षण संस्थान के प्रशिक्षकों को बहुत धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने जेल परिसर में आकर कैदियों को कौशल प्रशिक्षण दिया। आज जिन उम्मीदवारों को इलेक्ट्रिकल और प्लम्बिंग ट्रेड में सर्टिफिकेट मिला है, भविष्य में उन्हें आगे बढ़ने के अनेक नए रास्ते मिलेंगे। इससे वे न सिर्फ आत्मनिर्भर बन सकेंगे बल्कि समाज के विकास में भी अपना योगदान दे पाएंगे। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के तहत जन शिक्षण संस्थान द्वारा शुरू की गई यह पहल बहुत ही सार्थक है क्योंकि इस तरह की पहलों से व्यक्ति न सिर्फ़ हुनरमंद बनता है बल्कि उसे रोजगार या स्वरोजगार के भी व्यापक अवसर मिलते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, यह एक ऐसी पहल है जिसके द्वारा कैदी जेल में रहते हुए नया कौशल सीख सकेंगे और उनकी आमदनी भी हो सकेगी। इतना ही नहीं, तिहाड़ जेल में आयोजित रोजगार मेलों से भी कैदियों को जोड़ा जा रहा है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के अधिकारियों, जन शिक्षण संस्थान, प्रयास एनजीओ और जेल अथॉरिटी की ओर से हमें जो सहयोग और सहायता मिली है, उसके लिए मैं आप सभी को हार्दिक धन्यवाद देता हूँ।”
स्किल इंडिया डिजिटल हब यानी सिद्ध पोर्टल पर 60 जेल कैदियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था जिसके उपरांत उन्हें कौशल प्रशिक्षण का लाभ मिला है। अब सभी कैदी अपने सर्टिफिकेट सिद्ध पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं। सिद्ध पोर्टल के माध्यम से उम्मीदवारों को एनसीवीईटी द्वारा मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट प्रदान किए जा रहे हैं, जिसमें क्रेडिट, स्किल इंडिया लोगो, उम्मीदवार की फोटो, क्यूआर कोड और एनएसक्यूएफ लेवल आदि शामिल हैं।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत जेएसएस द्वारा देश भर में विभिन्न कौशल कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। यह योजना आकांक्षी जिलों, सीमावर्ती और पिछड़े इलाकों में जमीनी स्तर पर काम कर रही है। जेएसएस द्वारा दिए जाने वाले कौशल प्रशिक्षण में गैर-साक्षरों, नव-साक्षरों, प्रारंभिक स्तर की शिक्षा वाले व्यक्तियों और 15-45 आयु वर्ग के 12वीं कक्षा तक स्कूल छोड़ने वाले उम्मीदवार शामिल हैं। अभी तक 289 जेएसएस के द्वारा 31 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 82.63 प्रतिशत प्रशिक्षित लाभार्थी महिलाएं शामिल हैं। इतना ही नहीं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांगजन और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी बीपीएल से संबंधित उम्मीदवारों को नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने तिहाड़ जेल के डीजी सतीश गोलचा के साथ जेल का दौरा किया और उनकी गतिविधियों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा, जन शिक्षण संस्थान के द्वारा एक नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया, जिसमें दर्शाया गया कि बिना कुछ गलत किए जीवन को कैसे खुशी-खुशी जिया जा सकता है। साथ ही यह भी दिखाया गया कि परिवार आपके हर समय पर आपकी सहायता करता है।
रोहिणी में आयोजित इस सर्टिफिकेशन वितरण समारोह के अवसर पर तिहाड़ जेल के डीजी सतीश गोलचा, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्रीशैल मालगे, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर श्री हर्षवर्धन शर्मा, जेल सुपरिटेंडेंट श्री गौरव सैनी, जेएसएस जहांगीरपुरी की निदेशक सुश्री साधना, प्रयास एनजीओ के जनरल सेक्रेटरी श्री जसबीर सिंह मलिक सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

