केंद्रीय मंत्री का सीएसआईआर अधिकारियों से उद्योग जगत के साथ संबंधों को मजबूती प्रदान करने, सामाजिक प्रभाव के लिए नवाचारों को बढ़ाने का आह्वान:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर की गतिविधियों की समीक्षा की; एनएमआईटीएलआई कार्यक्रम के अंतर्गत प्राप्त सफलताओं की सराहना की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता को रेखांकित किया

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री तथा सीएसआईआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने पोत परिवहन और अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के क्षेत्र में बड़ी सफलता के रूप में स्वदेशी रूप से विकसित भारत के प्रथम हाइड्रोजन ईंधन समुद्री पोत की सराहना की है।

केंद्रीय मंत्री ने इसे सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के संयुक्त प्रयासों से उपजी कामयाबी की दास्तान करार देते हुए बताया कि स्वदेशी तकनीक से विकसित किए गए देश के इस प्रथम हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग पोत को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। इसमें केपीआईटी द्वारा निर्मित हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित ड्राइव ट्रेन शामिल है, जो सीएसआईआर द्वारा किए गए आधारभूत कार्यों पर आधारित है। यह पोत आगे चलकर हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले बड़े समुद्री पोतों या जहाजों का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। 

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) में वर्तमान में की जा रही पहलों और उपलब्धियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सीएसआईआर के सभी निदेशालयों के प्रमुख, संयुक्त सचिव और सीएसआईआर के वित्तीय सलाहकार सम्मिलित हुए।

सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलईसेलवी ने सीएसआईआर की वर्तमान शोध गतिविधियों, हाल ही में हासिल की गई तकनीकी प्रगति और उद्योग जगत के साथ सहयोगपूर्ण सहभागिताओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। चर्चा के दौरान डॉ. सिंह ने सीएसआईआर के वैज्ञानिक प्रयासों ,खासकर प्रौद्योगिकी के उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों, जहां स्वदेशी विकास महत्वपूर्ण है, को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के साथ जोड़ने के महत्व पर जोर दिया। 

केंद्रीय मंत्री ने सीएसआईआर-न्यू मिलेनियम इंडियन टेक्नोलॉजी लीडरशिप इनिशिएटिव (एनएमआईटीएलआई) की सराहना करते हुए इसे सार्वजनिक-निजी क्षेत्र में सहयोगपूर्ण नवाचार का एक अनूठा उदाहरण करार दिया। सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित भारत के विशालतम, उद्योगोन्मुख अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम के रूप में, एनएमआईटीएलआई राष्ट्रीय प्रभाव की क्षमता के उच्च जोखिम वाले तकनीकी उपक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए शीर्ष संस्थानों, औद्योगिक भागीदारों और अनुसंधान प्रयोगशालाओं को एक साथ लाता है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने एनएमआईटीएलआई कार्यक्रम के अंतर्गत हाल ही में प्राप्त दो सफलताओं की विशेष रूप से सराहना की। पहली सफलता सीएसआईआर-टेक्नोस रमन स्पेक्ट्रोमीटर (सीटीआर-300 और सीटीआर-150) का विकास और व्यावसायीकरण है, जिसे सीएसआईआर-एडवांस्ड मैटेरियल्स एंड प्रोसेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआईआर-एएमपीआरआई), भोपाल और मेसर्स टेक्नोस इंस्ट्रूमेंट्स, जयपुर के बीच साझेदारी के माध्यम से हासिल किया गया है।

जनवरी 2022 में विपणन के लिए स्वीकृत ये उच्च-स्तरीय रमन स्पेक्ट्रोमीटर भारत की वैज्ञानिक उपकरण क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होंगे। अब तक देश भर में स्वदेशी रमन स्पेक्ट्रोमीटर की ग्यारह इकाइयों की आपूर्ति की जा चुकी हैं, जो इस स्वदेशी तकनीक को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए जाने की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि एनएमआईटीएलआई कार्यक्रम के अंतर्गत दूसरी उल्लेखनीय सफलता उद्योग-आधारित ईंधन सेल प्रौद्योगिकी का विकास है। इस पहल के अंतर्गत, केपीआईटी ने सीएसआईआर-राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनसीएल) पुणे और सीएसआईआर-केंद्रीय विद्युतरसायन अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीईसीआरआई) के साथ मिलकर कम तापमान वाली पीईएम ईंधन सेल प्रणालियों को विकसित और प्रदर्शित किया। इस सहयोग के माध्यम से विकसित विशेषज्ञता का उपयोग समुद्री, रक्षा और मोटर वाहन क्षेत्रों में किया जा रहा है। इस प्रयास का एक प्रमुख परिणाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तमिलनाडु के थूथुकुडी में हरित नौका पहल के अंतर्गत  देश के पहले स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग पोत का शुभारंभ था। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा विकसित इस पोत में हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित ड्राइवट्रेन है, जिसे केपीआईटी द्वारा बनाया गया है, जो सीएसआईआर द्वारा किए गए आधारभूत कार्यों पर आधारित है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि ये उपलब्धियाँ प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास को आगे बढ़ाने और अग्रणी क्षेत्रों में भारत की आत्मनिर्भरता में योगदान देने में सीएसआईआर की भूमिका को दर्शाती हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर के अधिकारियों से उद्योग जगत के साथ संबंधों को मजबूती प्रदान करने, सामाजिक प्रभाव के लिए नवाचारों को बढ़ाने और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से संबंधित साहसिक अनुसंधान एवं विकास पहलों को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

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