‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ भारत ने म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए चलाया।


म्यांमार और थाईलैंड में विनाशकारी भूकंप से भारी तबाही होगयी जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई है और हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं।
इस संकट की घड़ी में भारत सरकार ने पड़ोसी मुल्क म्यांमार की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत ने म्यांमार के लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए ऑपरेशन ब्रम्हा शुरू किया है। इसके तहत वायुसेना के विमान से राहत सामग्री यांगून भेजी गई है। ताकि वहां के लोगों की इस कठिन परिस्थिति में सहायता की जा सके। ये कोई पहला मौका नहीं है जब भारत ने इस तरह से कोई खास ऑपरेशन शुरू किया है। भारत सरकार समय-समय पर संकट की स्थिति आने पर दूसरे देशों को जरूरी सहयोग मुहैया कराने के लिए खास अभियान चलाती रही है।
साल 2023 में तुर्की और सीरिया में भी भयानक भूकंप ने दोनों देशों में कोहराम मचाया था। उस समय भारत ने प्रभावित देशों को सहायता प्रदान करने के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ नाम से एक सर्च और रेस्क्यू अभियान शुरू किया था। इस अभियान के तहत भारत ने खोज और बचाव दल, मेडिकल टीम, दवाईयां, राहत सामग्री और जरूरी सामान तुर्की और सीरिया भेजे थे।
साल 2023 में ही भारत ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया था। ये अभियान तब शुरू किया गया जब सूडान में सेना और एक प्रतिद्वंद्वी अर्द्धसैनिक बलों के बीच जंग छिड़ गई थी। उस वक्त बड़ी संख्या में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था।
कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया संकट से जूझ रही थी उस समय भारत ने ‘वैक्सीन मैत्री’ अभियान शुरू किया था। उस समय भारत सरकार की ओर से दुनिया भर के देशों को कोविड-19 टीके उपलब्ध कराने के लिए एक मानवीय पहल की गई।
अप्रैल 2015 में पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में विनाशकारी भूकंप आया, जिससे काफी तबाही हुई थी। उस समय भारत सरकार ने ऑपरेशन मैत्री शुरू किया था। इस अभियान में भारतीय सशस्त्र बलों को भी नेपाल में बचाव और राहत अभियान के उतारा गया।
साल 2004 में आई सुनामी से श्रीलंका और मालदीव काफी प्रभावित हुए थे। संकट के इस दौर में मदद के लिए भारत ने ऑपरेशन कैस्टर और ऑपरेशन रेनबो शुरू किया था। जिसमें समुद्र में खोए मछुआरों और नावों की खोज और बचाव में मदद पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठाए गए।