सुपीरियर ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के चेयरमैन के मार्गदर्शन एवं वाइस चेयरमैन के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन हुआ। वाइस चेयरमैन ने कहा की आज महिलाएं किसी से कम नहीं वे नया इतिहास लिख रही हैं,और सुन्दर भविष्य गढ़ रही हैं तथा हर चुनौती को पार कर रही है,आज समूचा विश्व नारी शक्ति से प्रभावित है,जबकि भारत में यह सदियों से पूजनीय रही है और प्रत्येक कार्य में बराबर की भागीदार रही है और 8 मार्च का दिन महिलाओं को समर्पित है। यह दिन नारी शक्ति और महिलाओं की उपलब्धियों को सलाम करने का है। महिला दिवस का दिन हमें नारी की हर छोटी-बड़ी लड़ाई को सम्मान देने और उनके सपनों को पंख देने का मौका देता है। यह दिवस हमें महिलाओं द्वारा समाज में दिए गए योगदान, उनके संघर्ष तथा उनके सामने आने वाली चुनौतियों की याद दिलाता है। इस दिन उन्हें यह महसूस कराया जाता है कि वह हमारे लिए कितनी खास हैं। भारत में आजादी के बाद लगातार सुधारों से महिलाओं को पुरुषों की तरह सशक्त बनाया गया है। वह आज स्वावलंबी और स्वतंत्र है। इसीलिए अब कहा जाने लगा है कि भारतीय महिलाओं की सीमाएं आकाश की तरह अंतहीन हो गई हैं। आज के कार्यक्रम में एसडीपीएल,यूबीएल , आईबीएल, एसडीपीएल यूनिट के निदेशक नवनीत अग्रवाल, विकास मित्तल, अनूप अग्रवाल,राजपाल चोकर, अपने अपने यूनिट में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वीडियो कांफ्रेंसिंग से सीईओ ने किया। सीएचआरओ डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने बताया की सभी प्लांट निदेशक की गरिमामई उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ और आज सभी महिलाओं का ड्रीम है की उन्हें सुपीरियर ग्रुप में जॉब करने का अवसर मिले। वाइस चेयरमैन के नेतृत्व में ग्रुप तेजी से प्रत्येक क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिख रहा है। इसके साथ ही डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने कहा की आज आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल हर क्षेत्र महिलाओं की उपलब्धियों से भरा हुआ है। भारत की बात करें, तो यहां की स्त्रियों में असीम संभावनाएं हैं और वे तमाम तरह की उपलब्धियां हासिल भी कर रही हैं, जिसमें भारतीय संविधान और कानून का विशेष योगदान है। यह यात्रा 1950 में संविधान लागू होने के साथ शुरू हो गई थी। इसमें महिला और पुरुष, दोनों को बराबर माना गया है।आधुनिक दौर में एक महिला एक पूर्ण चक्र है। उसके भीतर सृजन, पोषण और परिवर्तन की असीम शक्ति है। यह शक्ति और भी प्रबल तब हो जाती है जब एक महिला घर की दहलीज से बाहर आकर खुद को कामकाजी महिलाओं के कतार में खड़ी करती है। वास्तव में कामकाजी महिलाएं ही महिला सशक्तीकरण की पर्यायवाची और पूरक हैं। अपने शहर में एक ठेले पर सब्जी बेचने से लेकर बड़े उद्योग की ऑनर तक ऐसे कई उदाहरण हैं जो महिला सशक्तीकरण की मिशाल पेश कर रही हैं। डॉ सुनील कुमार मिश्रा ने चेयरमैन,वाइस चेयरमैन, सीईओ के प्रति आभार जताया और कहा कि आपके नेतृत्व में यह ग्रुप बहुत जल्द वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान स्थापित करेगा।

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