डे नाईट न्यूज़ परिवार नियोजन तथा सुरक्षित गर्भपात के सम्बंध में स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस लाइन्स सभागार में जिले की महिला पुलिसकर्मियों को संवेदीकृत किया। इस दौरान उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गयी। उन्हें सुरक्षित गर्भपात के सभी नियमों के बारे में भी बताया गया। स्वास्थ्यकर्मियों ने आम जन को सुरक्षित गर्भपात के संबंध में आम जन को जागरुक करने की अपील भी की।
इस मौके पर जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ मुबारक अली ने बताया कि वर्तमान समय में हमारे देश की जनसंख्या चीन से भी आगे निकल चुकी है। हमारे सारे संसाधनों के लिए आवश्यक है कि जनसंख्या का स्थिरीकरण हो। इसके लिए परिवार नियोजन बहुत ही आवश्यक है। परिवार नियोजन के स्थायी साधनों में पुरुष व महिला नसबन्दी शामिल हैं। वहीं अस्थायी साधनों में त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, गर्भनिरोधक गोली छाया, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी और कंडोम शामिल है। स्वास्थ्य इकाइयों पर इनकी सुविधा उपलब्ध है और प्रत्येक योग्य दंपति को इन सेवाओं को पाने का हक है ।
इस मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी बड़गो न्यारिका यादव ने बताया कि एमटीपी एक्ट के अनुसार, भारत में सुरक्षित गर्भसमापन कानूनी है । पहले कुछ मामलों में 20 हफ्ते तक कंप्रीहेंशिव अबॉर्शन कराने की अनुमति थी, लेकिन 2021 में इस कानून में संशोधन के बाद ये समय सीमा बढ़ाकर 24 हफ्ते तक की जा चुकी है। इसके अलावा कुछ खास मामलों में 24 हफ्ते के बाद भी सुरक्षित गर्भपात की अनुमति ली जा सकती है। भारत में गर्भपात को तीन श्रेणी में बांटा गया है। पहला गर्भधारण के 0 से 20 हफ्ते तक है। इसके तहत अगर महिला मां बनने के लिए मानसिक तौर पर तैयार नहीं है या फिर गर्भनिरोधक फेल हो चुका हो और महिला न चाहते हुए भी गर्भवती हो गई हो तो वो गर्भपात करवा सकती है। ऐसे मामले में एक चिकित्सक की सलाह जरुरी होती है । दूसरा गर्भावस्था के 20 से 24 हफ्ते तक है।
इसके तहत अगर मां या बच्चे के मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य को किसी तरह का खतरा है, तो महिला सुरक्षित गर्भपात करा सकती है । ऐसे मामलों में दो डॉक्टरों की लिखित राय जरूरी है। तीसरा गर्भावस्था के 24 हफ्ते बाद है। इस मामले में अगर महिला यौन उत्पीड़न या दुष्कर्म का शिकार हुई है तो ऐसे केस में 24 हफ्ते बाद भी सुरक्षित गर्भपात करवा सकती है। अगर गर्भवती नाबालिग हो, दिव्यांग हो, मानसिक रूप से बीमार हो तो भी सुरक्षित गर्भपात करवा सकती है। अगर गर्भावस्था के दौरान महिला की वैवाहिक स्थिति बदल जाय ( उसका तलाक हो जाय, या विधवा हो जाए ) तो भी गर्भपात करवा सकती है। सुरक्षित गर्भपात के जरिये मातृ मृत्यु को रोका जा सकता है।
इस अवसर पर उपस्थित महिला कांस्टेबल सुष्मिता दीक्षित ने बताया कि वह महिला सेल देखती हैं। महिलाएं उनके पास आती हैं। इस तरह के कई मामले भी आते हैं। गर्भपात के कानून के बारे में बेहतर जानकारी मिली है और उनका ज्ञान बर्धन हुआ है। इसका लाभ अन्य महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा।