डे नाईट न्यूज़ रामलला के भव्य मन्दिर में स्थापित करने के लिए रामसेवकपुरम में रामलला की मूर्तियों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। सिर पर मुकुट, हाथ में धनुष-बाण लिए रामलला आकार ले रहे हैं। इनके लिए कर्नाटक की दो श्याम शिला और राजस्थान के श्वेत संगमरमर का इस्तेमाल हो रहा है हालांकि अभी ये निश्चित नहीं है कि इनमें से कौन-सी मूर्ति को गर्भगृह के लिए चुना जाएगा। इन मूर्तियों को पूरी तरह से तैयार करने में चार महीने का वक्त लगेगा। रामसेवकपुरम में कर्नाटक के मैसूर से आईं दो शिलाओं, जबकि उसके सामने के परिसर में राजस्थान की शिला को आकार दिया जा रहा है।
कर्नाटक के शिल्पकार गणेश एल. भटघ्ट और राजस्थान के शिल्पकार सत्यनारायण पांडेय के निर्देशन पर यहां काम हो रहा है। मूर्तिकार गणेश भट्ट ने की माने तो रविवार को पत्थरों की पूजा हुई इसके इन पत्थरों पर मूर्तिकार ने काम करना शुरू किया। ये मूर्तियां 51 इंच की बनाई जानी हैं। मूर्तियों को स्थापित करने के बाद इनकी ऊंचाई 8 फीट हो सकती है। सुदर्शन साहू और अरुण योगिराज भी मूर्तियों पर काम कर रहे हैं। दोनों टीमों में 4-4 सहयोगी भी सेवा कर रहे हैं। वहीं राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक चल रही है जिसके बाद बुधवार को श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी भी मंथन करेंगे।
2 जून को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का जन्मोत्सव है। इस दिन संत सम्मेलन में राम मंदिर के ट्रस्ट और देश भर के संत शामिल होंगे। माना जा रहा है कि ट्रस्ट की बैठक में रामलला की मूर्ति पर सहमति बनने के बाद संत सम्मेलन में इसकी घोषणा सार्वजनिक की जाएगी। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा का कहना है कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के निर्देश पर मूर्तियों का निर्माण शुरू हो चुका है।