अहमदाबाद: गिल-मोहित के तूफान में उड़ी मुबंई, खिताब बचाने से एक कदम दूर गुजरात

डे नाईट न्यूज़ शुभमन गिल (129 रन,60 गेंद) की रनो की बरसात के बाद मोहित शर्मा (दस रन पर पांच विकेट) की कातिलाना गेंदबाजी की बदौलत गुजरात टाइटंस ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के वर्षा प्रभावित मैच में मुबंई इंडियंस को 64 रन से रौंद कर लगातार दूसरी बार फाइनल में प्रवेश कर लिया।

गुजरात ने पहले बल्लेबाजी करते हुये तीन विकेट पर 233 रन बनाये जिसके जवाब में मुबंई की पूरी टीम 18.2 ओवरों में 171 रन बना कर पवेलियन लौट गयी। गुजरात टाइटंस अब फाइनल में रविवार को चेन्नई सुपरकिंग्स का मुकाबला करेगी।
नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में बारिश के कारण मैच निर्धारित समय से करीब आधा घंटा देरी से शुरू हुआ। मुबंई के कप्तान रोहित शर्मा ने टास जीत कर पिच में व्याप्त नमी का अंदाजा लगाते हुये गुजरात को बल्लेबाजी सौंपी मगर मैदान पर सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरने वाले शुभमन के तेवर का उन्हे कतई अंदाज नहीं था। क्रीज पर आते ही पंजाब के जीवट खिलाड़ी के बल्ले ने आग उगलनी शुरू कर दी।

शुभमन के तूफान को थामने की रोहित सेना ने भरपूर कोशिश की मगर असफल रहे और देखते ही देखते गुजराती शेर ने न सिर्फ अपना आईपीएल शतक पूरा किया बल्कि उसके बाद भी मुबंई के गेंदबाजों पर कोई रहम नहीं दिखाया। उन्होने अपनी 129 रन की पारी में महज 60 गेंद खेलकर दस आसमानी छक्के लगाये और सात बार जमीनी रास्ते से गेंद को सीमा रेखा के बाहर पहुंचाया। वह आकाश माधवाल की शानदार यार्कर पर टिम डेविड के हाथों आउट हुये। शुभमन ने साई सुदर्शन (43) के साथ 138 रनों की शानदार साझीदारी भी निभायी।

गुजरात द्वारा दिये गये चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुबंई की टीम शुरू से दवाब में नजर आयी जब रोहित शर्मा (8) और नेहाल बढेरा (4) रन बना कर पवेलियन लौट गये हालांकि बाद में तिलक वर्मा (43, 14 गेंद) और सूर्य कुमार यादव (61,38 गेंद) ने रनों की रफ्तार को बढाने की पुरजोर कोशिश की। पारी के 15वें ओवर में गेंदबाजी करने आये मोहित शर्मा ने शानदार गेंदबाजी का मुजाहिरा करते हुये पहले सूर्य को पवेलियन वापस भेजा वहीं राशिद खान ने टिम डेविड के पैर क्रीज पर जमने से पहले ही उखाड़ दिये। बची खुची कसर मोहित ने बचे हुये चार विकेट लेकर पूरी कर दी और मुबंई को गुजरात से वापसी का एयर टिकट थमा दिया। मुबंई ने पांच विकेट महज 16 रन जोड़ कर गंवाये। सूर्य कुमार और तिलक वर्मा के बाद कैमरून ग्रीन (30) ही वे खिलाड़ी थे जो अपने निजी स्कोर को दहाई तक पहुंचा सके।

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