डे नाईट न्यूज़ नई महापौर परिषद द्वारा कई मामलों में अब फैसले लिए जा रहे हैं। पिछले दिनों महापौर पुष्यमित्र भार्गव की बैठक मेंएमआईसी भी हुई थी उसमें यह भी तय हुआ है कि निगम की आमदनी कैसे बढ़े? इसके पीछे प्रमुख कारण यह है कि ठेकेदारों का आदमी करोड़ों रुपये देना है और निगम की वैसे देखा जाए तो आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गांधीनगर के आगे बुढ़ानिया में 696 मकान बनकर तैयार हैं। यहां पर नगर निगम नया प्रयोग करते हुए तकरीबन 168 मकान किराए पर देने की तैयारी कर रहा है।
पहले भी दो मर्तबा टेंडर प्राइवेट एजेंसी के िलए जारी किए थे अब तीसरी मर्तबा टेंडर जारी करने जा रहा है। अभी तक इतने बड़े पैमाने पर आवास खरीदी के लिए रुचि नहीं दिखाने पर 25 वर्षों के लिए लीज पर देने की तैयारी है जो संबंधित एजेंसी अगले 25 वर्ष तक उक्त मकान लीज पर लेकर उसे किराए पर देंगे। इसके लिए दो हजार प्रति मकान की दर से किराया भी तय हुआ है और प्राइवेट एजेंसी के द्वारा निगम को इस राशि का भुगतान प्रतिमाह किया जाएगा। उक्त एजेंसी मकानों को किसी तरह भी किराए पर दे सकेगी जिसकी किराए पर देने से लेकर खाली करवाने तक की एजेंसी की जिम्मेदारी रहेगी।
इन मकानों में मरम्मत से लेकर किसी भी तरह की टूट-फूट आदि की जिम्मेदारी संबंधित एजेसंी की ही रहेगी। यही कारण है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इन मकानों को किराए पर देने के लिए तीसरी बार टेंडर जारी किए जा रहे हैं। यहां पर 696 मकानों में से दूसरे भाग से 168 मकान को किराए पर प्राइवेट एजेंसी को सौंपने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। पहले भी टेंडर जारी हुए थे लेकिन किसी कंपनी द्वारा रुचि नहीं लेने के कारण अब फिर से ग्राम बुढ़ानिया में निर्मित 168 मकानों को प्राइवेट एजेंसी को किराए पर आवंटित करने की तैयारी है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभारी महेश शर्मा ने बताया कि बुढ़ानिया क्षेत्र में कुल 696 मकान बने हुए हैं। इसमें से 168 मकान को प्राइवेट एजेंसी को 25 साल के लिए किराए पर देने के लिए टेंडर जारी किए जा रहे हैं। अपर आयुक्त अभिषेक गहलोत ने बताया कि आवास खरीदने में लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं इसलिए किराए का प्रयोग अभी बुढ़ानिया क्षेत्र में किया जा रहा है। अगर इसमें सफलता मिलती है तो अन्य क्षेत्र में भी यह प्रयोग हो सकता है।