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नई दिल्ली : शिक्षा मंत्री आतिशी ने स्कूल विजिट की श्रृंखला जारी रखते हुए गुरुवार को न्यू फ्ऱेंड्स कॉलोनी स्थित एमसीडी स्कूल का दौरा किया। विजिट के दौरान शिक्षा मंत्री ने मिशन बुनियाद की क्लासेज़ का निरीक्षण किया व शिक्षकों और बच्चों से बातचीत कर उनका उत्साह बढ़ाया। साथ ही शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि हर बच्चे के सीखने की गति की मॉनिटरिंग की जाए और उनकी सीखने की ज़रूरत के अनुसार उन्हें लर्निंग दी जाए।
इस मौक़े पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि एमसीडी स्कूलों में बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। बदलाव की इस शुरुआत के साथ अब एमसीडी के स्कूलों में सीखने का शानदार माहौल तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के 15 सालों के शासन में एमसीडी स्कूलों में पढ़ाई की बदहाली रही, शिक्षकों को उपेक्षा की गई। भाजपा शासन में हमेशा ये माना गया कि यहाँ आने वाले बच्चे गरीब घरों से आते है तो उन्हें नजऱअंदाज़ किया जा सकता है। लेकिन अब ये परिदृश्य बदल चुका है अब एमसीडी में हमारी सरकार आने के बाद शिक्षकों का आत्मविश्वास बढ़ा है और उसके साथ एमसीडी स्कूलों में पढऩे-पढ़ाने का बेहतर माहौल तैयार हुआ है। उन्होंने शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि इन क्लासरूम में बैठे बच्चे देश का भविष्य है। हम देश के भविष्य को मजबूत कर सकें इसके लिए जरुरी है कि हम अपनी कक्षाओं में बैठे बच्चों की बुनियाद को मजबूत करें। इसके लिए ज़रूरी है कि टीचर्स आगे बढक़र ऑनरशिप ले। अपनी क्लास में हमेशा हर बच्चों को बेहतर सीखने में मदद करने के लिए प्रेरित करें। ऐसे करने के बाद ही हम मिशन बुनियाद के लक्ष्य पूरी तरह से हो प्राप्त कर पाएंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि टीचर्स हमेशा इस बात का ध्यान रखे कि मिशन बुनियाद द्वारा हम बच्चों की भाषा और बुनियादी गणित की समझ को बेहतर नहीं किया जा रहा बल्कि हर बच्चे को बराबरी का अवसर देने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि हमारे स्कूलों में आने वाले बच्चों को चाहे आजतक कोई शिक्षा न मिली हो लेकिन जब वो हमारे स्कूलों से बाहर निकले तो बराबरी के स्तर और मौके के साथ निकले। उन्होंने कहा कि बच्चों के लर्निंग गैप को भरने के लिए मिशन बुनियाद की शुरुआत की गई। मिशन बुनियाद के तहत बच्चे अलग-अलग स्तर की कक्षाओं में भाग लेते हैं। हमारा उद्देश्य है कि छात्रों को बेसिक से लेकर एडवांस स्टेज तक लेकर जाना है। इसको संभव बनाने के लिए किताबी ज्ञान पर्याप्त नहीं है। छात्रों को ऐसा माहौल प्रदान किया जाए, जिसमें वह खेल-खेल में पढाई कर सकें। विजिट के दौरान शिक्षा मंत्री ने देखा कि हिन्दी की एक क्लास में बच्चे बेहद अनूठे तरीक़े से शब्दों को सीख रहे है। यहाँ टीचर ने प्ले-कार्ड पर अक्षर लिखे थे जिन्हें खोजकर और जोडक़र बच्चे शब्दों बना रहे थे। साथ ही एक अन्य कक्षा में शिक्षा मंत्री ने पाया कि बच्चों को अंग्रेज़ी एक्टिविटी के माध्यम से सिखाई जा रही है। पढ़ाने के इस बेहद रोचक तरीक़े को देख शिक्षा मंत्री ने दोनों शिक्षकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये बेहद ख़ुशी कि बात है कि एमसीडी स्कूलों में शिक्षक पूरी मेहनत के साथ मिशन बुनियाद को सफल बना रहे है। इनकी मेहनत से वो दिन दूर नहीं जब एमसीडी स्कूलों से निकला हर बच्चा लर्निंग के एक निश्चित बेंचमार्क पर ज़रूर होगा जो हमने उनके लिए निर्धारित किया है।