डे नाईट न्यूज़ आबादी के बढ़ते दबाव के चलते प्रयागराज में गर्मियों में पेय जल आपूर्ति प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती रहती है। योगी सरकार की तरफ से यहाँ शुद्ध पेय जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इन इलाकों में 3 पानी की टंकियों और 2 वाटर ट्रीटमेंटप्लांट का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसके अतिरिक्त अनुपयोगी जल को पेय जल में तब्दील करने वाला एक बैक वाश फ़िल्टर वाटर प्लांट लगाया गया है।
इस साल नगर निगम प्रयागराज की शहरी सीमा का विस्तार हुआ है। शहर के भौगोलिक विस्तार होने के बाद इन इलाकों में सडक और बिजली के साथ पेय जल आपूर्ति सुनिश्चित कराना भी प्रशासन की जिम्मेदारी है। योगी सरकार ने इस विस्तारित क्षेत्र के 20 वार्डो की 4 लाख की आबादी के लिए पहले से ही अपना रोड मैप तैयार कर लिया है। जल निगम की तरफ से विस्तारित नए क्षेत्र नैनी और झूंसी में 7.5 करोड़ की लागत के 2 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं जो तकरीबन बनकर तैयार हैं। इसके अतिरिक्त अमृत योजना के तहत 4 करोड़ 10 लाख की लागत से पेय जल आपूर्ति के लिए पानी की 3 टंकियां भी बन कर तैयार हैं। ये शहर के अलोपी बाग़, बक्शी बांध और बैरहना में बनाई गई हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की योगी सरकार जल संरक्षण की अहमियत को बेहतर समझती है और इसीलिए सरकार की तरफ से जल संरक्षण के लिए कई अभियान चलाये जा रहे हैं। प्रयागराज में बैक वाश फ़िल्टर वाटर प्लांट भी इसी का हिस्सा है। जल कल विभाग के महा प्रबंधक कुमार गौरव के मुताबिक शहर की 80 फीसदी आबादी को पेय जल आपूर्ति शहर के खुशरू बाग स्थित जलकल विभाग के 3 वाटर ट्रीटमेंट फिल्टर प्लांट से होती है जिनकी कुल क्षमता 135 एमएलडी की है। लेकिन इन फिल्टर प्लांट में पानी की सफाई के बाद भी फ़िल्टर प्लांट के बेड में गंदे पानी के रूप में 12 एमएलडी पानी कीचड़ के रूप में बच जाता था जिसे अनुपयोगी मानकर नाले में बहा दिया जाता था। अब इस वेस्ट पानी को दुबारा फिल्टर करने के लिए एक बैक वाश वाटर फिल्टर प्लांट लगाया गया है जिसमे कीचड़ युक्त पानी को पुनः शोधित कर पेय जल आपूर्ति के लिए शहर में भेजा जा रहा है। इस बैक वाश वाटर फिल्टर प्लांट से प्रतिदिन 12 एमएलडी पेय जल की बचत होगी।
चार करोड़ की लागत से यह बैक वाश फिल्टर प्लांट लगाया गया है। इससे शहरी क्षेत्र में पेय जल की मांग और आपूर्ति आपूर्ति के बीच का अन्तर और कम हो जाएगा। प्रयागराज में शहरी क्षेत्र में नए वार्ड बनने के बाद वर्तमान में 471 एमएलडी पेय जल की मांग है लेकिन अभी जलकल विभाग की तरफ से 402 एमएलडी की आपूर्ति की जा रही है। बैक वाश वाटर फिल्टर प्लांट लगने से यह अंतर और कम हो जाएगा।