बिसवां: बज्म-ए-सुखनो अदब के तहत मुशायरा नाते पाक का आयोजन

डे नाईट न्यूज़ साहित्यिक संस्था बज्म-ए- सुखनो अदब एवं वेलफेयर सोसाइटी जहांगीराबाद के तत्वाधान में रविवार रात एक मुशायरा नाते पाक का आयोजन समिति के अध्यक्ष डाक्टर अजहर खैराबादी के आवास के सामने आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में डॉक्टर अजीज खैराबादी उपस्थित हुए। सदारत मशहूर शायर मखमूर काकोरवी और निजामत आसिम काकोरवी ने की। महफिल का आगाज कारी आजम जहांगीराबादी ने कुराने पाक की तिलावत से किया। मुशायरे में दो दर्जन शायरों ने अपने कलाम पेश किए। उनमें से कुछ चुनिंदा अशआर इस प्रकार से हैं।

मशहूर शायर रहबर प्रतापगढ़ी ने कहा कि मेरे लिए तो तेरी खाक ही बहुत कुछ है। तरस रहा हूं मदीना तेरी गली के लिए। कार्यक्रम के आयोजक एवं बज्म के सदर डॉक्टर अजहर खैराबादी ने कहा- नजर रोज पाक पर जब पड़ेगी। लुटाऊंगा दिल और जिगर धीरे-धीरे। प्रदेश में अपनी रचनाओं का जलवा बिखेरने वाले शायर शकील गयावी ने फरमाया कि गुनाहगार हूं लेकिन यकीन है मुझको। दुआ न होगी कोई बे असर मदीने में। यह कहकर वाहवाही लूटी।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल डॉ अजीज खैराबादी ने कहा इन के जल जाए पर उनका अगला सफर। मंजर-ए-सिदरतुल मुंतेहा देखिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुजुर्ग मशहूर शायर डॉक्टर मखमूर काकोरवी ने पढ़ा। शहे कौनो मकां मक्के से जब पहुंचे मदीने में। बिछी थीं उनके इस्तकबाल में अंसार की आंखें। अन्तर्राष्ट्रीय मशहूर शायर अफसर बिसवानी के शागिर्द रहे नौजवान शायर डाक्टर तनवीर इकबाल बिसवानी ने अपना कलाम पेश करते हुए कहा कि नहीं बेजार है वह जिन्दगी से। लगाई जिसने लौ नबी से। नवोदित शायर हाफिज कारी जीशान सईद जहांगीराबादी ने अपने अशआर कुछ इस प्रकार बयां किये। मौला तेरी जन्नत के सामान के दीवाने। हम आले मोहम्मद हैं कुरआन के दीवाने।

शायर अनवर बिसवानी ने कहा एक उम्र कट गई है इसी इन्तजार में। पहुंचेंगे एक रोज नबी के दयार में। इसके बाद जैसे ही अपनी सुरीली आवाज के जादूगर मशहूर शायर हाफिज वसीम जहांगीराबादी का नाम पुकारा गया पूरी महफिल जाग गई और पढ़ने से पहले ही दाद शुरू हो गई। यह आयोजन सोसाइटी के सदर डाक्टर अजहर खैराबादी व उनकी पत्नी परवीन बेगम के अगले हफ्ते हज के मुकद्दस स्थान पर जाने से पहले उसी उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। इस नाते मुशायरे में मोहम्मद अहमद आकिल बिसवानी, नैय्यर शकेब बिसवानी, खलील अख्तर लखनवी, तलहा अख्तर बिसवानी, हसीब बिसवानी, हाफिज आफाक, रईस रहमानी, महबूब खैराबादी, हाफिज मसूद महमूदाबादी आदि ने भी अपना अपना कलाम पेश किया।

इस सेमी मुशायरे का सफल संचालन मशहूर शायर आसिम काकोरवी ने किया। मुशायरा सुबह चार बजे तक चला। कार्यक्रम के आयोजक डॉ वकील अहमद खान अजहर खैराबादी ने शायरों और श्रोताओं का स्वागत किया जबकि हाफिज वसीम जहांगीराबादी ने सभी को धन्यवाद दिया। इस मौके पर हसीर खान, फतेह अली खान (टीपू),शफकत अली खान (फूलमिंयां), मुन्ना कहानी, आसिफ अशरफी, कम्पाउन्डर अशोक कुमार, परवीन बेगम, कमर खान, समर खान, मनाल खान व खिजिर खान एवं महद खान सहित सैकड़ों श्रोता गण उपस्थित रहे।

गजल की किताब सुरखाब के पर का हुआ विमोचन
बिसवां नगर (सीतापुर)(आरएनएस)। बज्म-ए-सुखनो अदब एण्ड वेलफेयर सोसाइटी द्वारा गत रविवार को आयोजित नात ए पाक (सेमी मुशायरे) में 5 मई को सुबह चार बजे मशहूर शायर मखमूर काकोरवी, अजीज खैराबादी, शकील गयावी, मोईद रहबर लखनवी, तनवीर इकबाल बिसवानी, डाक्टर वकील खान अजहर खैराबादी, हाफिज वसीम जहांगीराबादी, आसिम काकोरवी, कारी आजम खान जहांगीराबादी, शराफत बिसवानी, कारी जीशान सईद जहांगीराबादी, तारिक अनवर, महबूब खैराबादी, आकिल बिसवानी, बिसवानी, रहबर प्रतापगढ़ी व हाफिज मकसूद महमूदाबादी, शफकत अली खान, फतेह अली खान, हसीर खान, आसिफ अशरफी आदि की उपस्थिति में क्षेत्र के मशहूर राष्ट्रीय शायर हाफिज वसीम जहांगीराबादी द्वारा रचित 268 गजलों के संग्रह पुस्तक सुरखाब के पर का विमोचन किया गया। सभी ने ईश्वर से उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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