इंदौर: संघवी-मद्दा से जुड़े कई नाम अब ईडी के निशाने पर

डे नाईट न्यूज़  गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें कब्जाने वालों के खिलाफ ईडी का अभियान सुरेंद्र संघ्ज्ञवी, प्रतीक संघवी और दीपक जैन मद्दा तक सीमित नहीं रह गया है। इनकी जद में अब एक-एक करके शहर के कई जाने-माने चेहरे भी आ गए हैं। कुछ तो ऐसे हैं जिन्हें ईडी ने नोटिस जारी करके ताबड़तोड़ तलब करना भी शुरु कर दिया है। सूत्रों की मानें तो यह कार्रवाई लंबी चलेगी। ईडी ने बुधवार को सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी, दीपक जैन मद्दा, मनीष शाहरा और आधा दर्जन ठिकानों पर दबिश दी थी। यह कार्रवाई जारी है। शनिवार के अवकाश के बावजूद ईडी के दफ्तर में गहमा-गहमी थी।

बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान जिस किसी की भी लिंक दस्तावेजों पर संघवी-जैन-शाहरा से मिली है, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। कुछ तो जवाब के लिए तलब भी किया गया है। ईडी के ऑन रिकार्ड दीपक जैन का नाम लिखा है जबकि उसका दस्तवेजी नाम दिलीप पिता आनंदीलाल सिसोदिया है। आशीष जैन, वी तोड़ी, पवन सिंघानिया, जयश्री संघवी, मुकेश खत्री और हार्दिक जैन जैसे नाम दिलीप की विभिन्न कंपनियों में उसके साथ रहे हैं। इसके अलावा अवतारसिंह भाटिया और जयविंदरसिंह भाटिया के साथ ही राजेंद्र उर्फ राजू आगर का नाम भी सूची में है।

इसके अलावा पत्नी समता जैन की कंपनियों में हेमंत नीमा और अजय अग्रवाल संचालक हैं। ईडी सूत्रों के अनुसार छापेमारी के दौरान जो दस्तावेजी प्रमाण मिले हैं उनमें जिन लोगों का भी संघवी जैन से कारेाबारी संबंध सामने आया है उन्हें नोटिस दिए हैं। कुछ को खुलकर पूछताछ भी की जा चुकी है। आगे जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। सुरेंंद्र संघवी दीपक की समता कंन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. और संयम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. जैसी कंपनियों में स्वयं डायरेक्र रहे हैं। फरवरी 2021 में दोनों कंपनियों से संघवी बाहर हो गए। हालांकि प्रतीक और जयश्री संघ्ज्ञवी अब भी कंपनियों मं हैं।

इसके अलावा सिम्पलेक्स मेगा इन्वेस्टमेंट में भी प्रतीक और दीपक डायरेक्टर हैं इसी कंपनी के नाम से देवी अहिल्या श्रमिक कामगार गृह निर्माण संस्था द्वारा विकसित अयोध्यापुरी की जमीन कम दाम पर खरीदी थी। खजराना गणेश मंदिर के सामने 22 हेक्टेयर से ज्यादा खाली जमीन में से ज्यादार श्रीराम गृह निर्माण की थी। इसमें दीपक ने पास की हिना पैलेस कॉलोनी का नाम लेकर नियिमतीकरण करवा लिया था और इसमें जितेन्द्र पिता सूर्यप्रकाश धवन उर्फ हैप्पी धवन और उसके भाई लकी धवन की जमीनें भी शामिल कर ली थीं जो कि विभिन्न गृह निर्माण संस्थाओं से खरीदी गई थी।

इसी हिना पैलेस को किसी पंजवानी को बेचा गया था। बताया जा रहा है कि यह लेन-देन 20 करोड़ का हुआ था। ईडी ने कैलाश नाचानी के यहां भी छानबीन की वहां से मिले दस्तावेज के आधार पर नाचानी को शनिवार को नेाटिस देकर ईडी कार्यालय में तलब किया गया था। कैलाश और उनके साथी ओमप्रकाश धनवानी को दीपक ने प्रबंधक रहते मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था की बेशकीमती जमीन नसीम हैदर के माध्यम से बिकवाई थी।

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