डे नाईट न्यूज़ 10वीं कक्षा के बाद जिन छात्र-छात्राओं को मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहते है तो वह आईईआरटी संस्थान में चल रही सात विष्टिताओं के पाठ्यक्रम में प्रवेश लेकर अपना कैरियर बना सकते हैं। यह डिप्लोमा कोर्स तीन साल का है। तीन साल की डिग्री हासिल करने के बाद छात्र-छात्राएं सरकारी और प्राइवेट उपक्रम में नौकरी पक्की समझ सकते हैं। यह एक अच्छा कैरियर विकल्प है। विद्यार्थियों को इंजीनियर बनने के लिए मैथ्स और फिसिक्स की जानकारी होना जरूरी होती है ताकि तकनीकी बारीकियों को आसानी से समझ सकें।
वर्तमान में मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रो के लिए बेहतर विकल्प बनता जा रहा है। अधिकतर लोग इस क्षेत्र में अपना करियर बना रहे हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मशीनों से संबन्धित जानकारी दी जाती है। इसमें मशीनों का किस तरह से निर्माण किया जाता है और किस तरह से मशीन अपना काम करती है।
आईईआरटी संस्थान में मैकेनिकल आटो मोबाइल, मैकेनिकल पावर प्लांट, मैकेनिकल प्रोडक्शन, मैकेनिकल रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनिंग, मैकेनिकल टूल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल ट्यूबेल इंजीनियरिंग व प्लास्टिक टेक्नोलॉजी में 75-75 सीटें हैं। इस संबंध में आईईआरटी संस्थान के प्रवेश परीक्षा सचिव उमा शंकर वर्मा ने बताया कि मैकेनिकल इंजीनियर का कोर्स कर सरकारी नौकरी के लिए तो अप्लाई किया ही जा सकता है वहीं प्राइवेट कंपनियों में भी मैकेनिकल इंजीनियर की काफी डिमांड रहती है। आजकल हम मशीन के युग में जी रहे हैं और जहां एक मशीन है, वहां एक मैकेनिकल इंजीनियर की जरूरत है। इसलिए मैकेनिकल इंजीनियर्स के लिए कभी भी जॉब ऑप्शन्स की कमी नहीं हो सकती है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद आसानी से जॉब मिल जाती है। सैलरी पढ़ाई और कंपनी के ऊपर निर्भर करती है।