
डे नाईट न्यूज़ नूर फाउंडेशन, लखनऊ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में फाउंडेशन के संस्थापक मौलाना मुहम्मद मुस्तफा मदनी ने अपने बयान में कहा कि हाल ही में तुर्की और सीरिया में आए प्रलयकारी भूकंप हम सब के लिए अल्लाह की ओर से एक चेतावनी है। इस दुखद त्रासदी में हजारों लोग मारे गए हैं, हजारों गंभीर रूप से घायल हुए हैं, अनगिनत घर ढह गए हैं और कई शहरों में भारी तबाही हुई है।
विनाशकारी भूकंप के रूप में, यह सबसे भयानक त्रासदी है जो तुर्की, सीरिया और इस्लामी राष्ट्र के लिए एक गंभीर परीक्षा है। संकट की इस घड़ी में गुनाहों से तौबा करने, इबादत करने, खास नमाज का इंतज़ाम करने और अल्लाह की तरफ़ रुख करने की ज़रूरत है। भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं एक तरह की आकस्मिक दुर्घटनाएं हैं जो कभी भी किसी के साथ भी हो सकती हैं। ऐसे में हमें एकता और इंसानियत का परिचय देना चाहिए। पीड़ितों के साथ मानवता का व्यवहार किया जाना चाहिए और अपनी क्षमता के अनुसार मदद की जानी चाहिए।
संकट की इस विकट घड़ी में भारत सहित दुनिया भर से राहत और सहायता दल अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदम भी सराहनीय हैं। भूकंप से प्रभावित लोग हमारे इंसानी भाई हैं, इस रिश्ते को भौगोलिक सीमाओं की आवश्यकता नहीं है, इसलिए मानवता के लिए हम अपने दिल से इन भाइयों के लिए प्रार्थना करें। अपनी अपनी आस्था के अनुसार इन भाइयों और बहनों के लिए प्रार्थना करें। इस प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दें और पीड़ितों के लिए राहत और कल्याण के आयोजन कर मानवता दिखाएं।
इस कार्यक्रम में इरशाद अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद अफाक, रिजवान कुरैशी, मोहम्मद सलमान, अब्दुल समद आदि शामिल हुए ।