
पीपीगंज रेल परिसर में आवंटित रेलवे की दुकान 10 बाई 10 व 10 बाई 08 की दुकानें आवंटित है पर मौके पर दुकानदारों के द्वारा सड़क तक सामान फैला देने से यात्रियों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दैनिक यात्रियों का कहना है की रेलवे की दुकान जितनी आवंटित है उससे अधिक दुकानदारों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है। ग्राहकों के द्वारा सामान लेने के लिए सड़क पर ही अपनी गाड़ी खड़ी कर देने से रास्ता सकरा हो जाने से यात्रियों को काफी असुविधा होती है।
समाजसेवी परमेश्वरी सिंह ने बताया मुख्यालय से मात्र 24 किलोमीटर दूर स्थित कई बड़े अधिकारियों का दौरा आए दिन गोरखपुर आनंद नगर रेल खंड पर होता है पर क्या किसी अधिकारी की नजर में नहीं पड़ती या जान के अंजान है। सूत्रों के द्वारा पता चला आवंटित रेलवे की दुकाने अधिकतर किराएदारो के द्वारा संचालित हो रही हैं। यह मामला सिर्फ एक दुकान तक सीमित नहीं।
अगर जांच हो तो पता चलेगा कि रेलवे की आवंटित कितनी दुकानों को भाड़े पर चलाया जाता है रेल कर्मचारियों ने नाम न छापने पर बताया नियम के अनुसार रेलवे की आवंटित दुकान को भाड़े पर देने का प्रावधान भी नहीं है। आवंटित दुकानों को कई हिस्सों में बाट के किरायेदारों से उक्त दुकान का किराया प्रतिमाह 03 से 10 हजार रुपए वसूले जा रहे है। वे अब तक लाखों रुपए भाड़ा दे चुके है। जबकि रेलवे को उक्त दुकान की मद में मामूली सालाना शुल्क दिया जा रहा है।