डे नाईट न्यूज़ छतरपुर जिले में बंदरों के आतंक का मामला सामने आया है। हरपालपुर के कराठा गांव में बंदर आतंक मचा रहे हैं और किसानों की फसलें बर्बाद कर रहे हैं। यहां जंगल से आने वाले जंगली जानवर खासतौर से बंदर किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। जंगल से खेतिहर और रहवासी इलाकों में आकर बंदर फसलों को चौपट कर देते हैं, जिससे किसानों को खासा नुकसान होता है। किसान फसलों की रखवाली के दिन रात जाग रहे हैं। कराठा गांव के किसानों ने बताया कि इस क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में बंदर आते हैं और फसलों पर आतंक की तरह छा जाते हैं। आलम यह है कि बंदरों के आक्रमण के कारण किसानों को भी खेत छोड़कर भागना पड़ जाता है। सैकड़ों की संख्या में अचानक आने वाले बंदरों की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद होने की कगार पर है। बंदर न सिर्फ सब्जी की फसल को बल्कि गेहूं और चना मटर की फसल को भी चौपट कर देते हैं।
किसानों का कहना है कि इस संबंध में वन विभाग से शिकायत करते हैं, लेकिन वन विभाग कोई भी कारगर उपाय नहीं करता। वन विभाग के कर्मचारी बंदरों को पकड़ने के लिए एक पिंजरा लेकर आते हैं, जिसमें एक ही बंदर पकड़ा जाता हैं वनविभाग के कर्मी उसे जंगल में छोड़ देते जो फिर खेतों में आ जाते हैं। जनपद पंचायत नौगांव के अंतर्गत ग्राम पंचायत कराठा में इस समय बंदरों का आतंक फैला हुआ है। बन्दरों ने किसानों का जीना मुश्किल कर दिया है। यहाँ टुंडे हाकिम सिंह सहित किसानों ने अपनी व्यथा बताई कि हम लोग गेंहू, मटर, चना, खेतों में लगाए हुए हैं। इन फसलों को बर्बाद करके बंदरों ने आतंक मचाया हुआ है। बंदरों को यदि महिलाएं एवं बच्चे भगाने जाते हैं तो ये बन्दर झपटने को दौड़ते हैं। बंदरों के समूह लोगों से बिल्कुल भी डरते नहीं हैं। कई बार तो यह बन्दर छोटे-छोटे, बच्चों एवं महिलाओं पर हमला कर चुके हैं। जिससे लोगों में इनका भय बना हुआ है। मामले पर अलीपुरा वन क्षेत्र इलाके के डिप्टी रेंजर मुरलीधर रैकवार से बात की तो उन्होंने कहा कि सैकड़ों बंदरो से किसानों की फसलें बचाने के लिए वन विभाग के पास कोई उपाय नहीं हैं यही किसी को बन्दर घायल करें या एक दो बन्दर हो तो हम लोग पकड़ लें।