डे नाईट न्यूज़ कांग्रेस ने एमसीडी के महापौर, उपमहापौर व सदन से चुने जाने वाले स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव में अपना रुख साफ किया। वह इन पदों के चुनाव में आम आदमी पार्टी व भाजपा को समर्थन नहीं देगी।
कांग्रेस ने आप और भाजपा से समान दूरी बनाए रखने का निर्णय लिया है। इसके अलावा वह महापौर व उपमहापौर पद जीत की कोई भी संभावना नहीं होने के बावजूद अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ-साथ एक संदेश देने के लिए उम्मीदवार उतारने पर भी विचार कर रही है। प्रदेश कांग्रेस के कई नेता एमसीडी के पदों के चुनाव में मतदान से दूर रहने के निर्णय को उचित नहीं ठहरा रहे हैं।
वह एमसीडी के पदों पर चुनाव लड़ने की वकालत कर रहे हैं। उनका कहना है कि भले ही पार्टी के पार्षदों के जीतने की संभावना नहीं है, लेकिन चुनाव लड़ने से पार्टी का जनता के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा और उस वर्ग में पार्टी का जनाधार बढ़ने की संभावना रहेगी जिस वर्ग के पार्षदों को चुनाव लड़ाया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस की ओर से एमसीडी के पदों पर चुनाव लड़ने के संबंध में मंगलवार को अंतिम निर्णय लिया जाएगा। एमसीडी चुनाव में 250 वार्डों में से कांग्रेस को नौ वार्डों में ही जीत नसीब हुई। कांग्रेस के जीते पार्षदों में सात मुस्लिम है, जबकि एक जाट व एक गुर्जर है और उनमें सात महिला व दो पुरुष पार्षद है।
कांग्रेस के चुनाव लड़ने पर आप-भाजपा को हो सकती है दिक्कत
कांग्रेस का एमसीडी के महापौर व उपमहापौर पद पर चुनाव लड़ने का निर्णय आप-भाजपा के लिए दिक्कत खड़ी कर सकता है। दरअसल इन पदों पर आप ने उम्मीदवारों का नामांकन पत्र दाखिल करा दिया है और भाजपा भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। महापौर व उपमहापौर पदों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने पर जीतने वाले उम्मीदवारों के लिए वैध मतों में 50 प्रतिशत मत प्राप्त करना अनिवार्य होगा। पहले स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार को 50 प्रतिशत मत नहीं मिलने की स्थिति में दोबारा मतदान होगा। इस दौरान अंतिम स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार को चुनाव प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा और पहले दो स्थानों पर रहने वाले उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। उनमें अधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा।