नेपाल में उलझी हुई है नई सरकार की गुत्थी, पुष्प कमल दहल ने फेंका नया पासा

डे नाईट न्यूज़ नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओइस्ट सेंटर) के प्रमुख पुष्प कमल दहल ने अपनी सियासी चालों से देश में असमंजस का माहौल बना रखा है। जब ऐसा लग रहा था कि वे नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्ताधारी गठबंधन में बनने वाली आमराय के साथ चलने को तैयार हो गए हैं, उन्होंने एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद पर अपना दावा जता दिया है।

दहल ने अन्नपूर्णा ग्रामीण नगरपालिका के एक समारोह के दौरान कहा- ‘अब सक्रिय राजनीति में मेरे ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। अगर आपका आशीर्वाद, शुभकामनाएं और प्यार कारगर रहे, तो मैं देश का नेतृत्व करूंगा।’ राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक इस ताजा बयान से यह साफ हो गया है कि दहल तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए बेताब हैं। अपनी ये बेसब्री उन्होंने आम चुनाव के पहले भी जाहिर की थी।

निर्वाचन आयोग के द्वारा चुनाव परिणामों की प्रामाणिक कॉपी राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को सौंपे जाने के बाद से देश में नई सरकार बनाने की गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसके लिए राजनीतिक पार्टियों के अंदर और विभिन्न पार्टियों के बीच बातचीत चल रही है। इसी बीच दहल ने अपना यह बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महीने के भर के भीतर देश में गठबंधन सरकार बनेगी।

पर्यवेक्षकों के मुताबिक दहल अपने पक्ष में प्रतिनिधि सभा के 60 सदस्यों का समर्थन जुटाने की कोशिश में हैं। इसके लिए अपनी पार्टी के 32 सांसदों के अलावा उनकी नजर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के 10, जनता समाजवादी पार्टी के 12, जनमत पार्टी के छह, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के चार और चार निर्दलीय सदस्यों पर है। दहल ने पिछले रविवार को ललितपुर में कहा था- ‘हम पर्याप्त संख्या में सीटें नहीं जीत पाए, फिर भी हम किंगमेकर की हैसियत में हैं। हम आसानी से 60 सदस्यों का समर्थन जुटा सकते हैं।’ 

लेकिन तमाम ऐसे संकेत हैं कि नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा दहल की मंशा पूरी करने के मूड में नहीं हैं। ऐसी चर्चा है कि सत्ताधारी गठबंधन में सहमति बनी है कि पांच साल के कार्यकाल में आधे समय तक प्रधानमंत्री देउबा और बाकी आधे समय तक दहल रहेंगे। लेकिन दहल चाहते हैं कि उन्हें पहले यह पद मिले। जबकि देउबा इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं। नेपाली कांग्रेस नए सदन में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है।

विश्लेषकों के मुताबिक दहल की उम्मीदें नेपाली कांग्रेस में पैदा हुए अंदरूनी मतभेदों से बढ़ी हैं। नेपाली कांग्रेस के कई दूसरे नेता भी प्रधानमंत्री बनने की होड़ में हैं, जिससे देउबा की चुनौतियां बढ़ी हैं। दावेदार नेताओं में नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा को गंभीर उम्मीदवार माना जा रहा है। इसके अलावा ऐसे संकेत भी हैं कि नेपाली कांग्रेस का एक धड़ा देउबा को किसी भी कीमत पर हटाना चाहता है।

अखबार काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूनिफाइड सोशलिस्ट के नेता इस बात का पक्ष ले रहे हैं कि प्रधानमंत्री पद पहले दहल को दिया जाए। इस पार्टी का दावा है कि उसके नेता माधव कुमार नेपाल भी प्रधानमंत्री पद की होड़ में हैं। यूनिफाइड सोशलिस्ट के उप महासचिव विजय पौडेल ने कहा है- ‘चुनाव के पहले देउबा, दहल और माधव नेपाल में सहमति बनी थी कि बारी-बारी से वे अगली सरकार का नेतृत्व करेंगे। उसके तहत तय हुआ था कि दहल और देउबा पहले दो-दो साल तक प्रधानमंत्री रहेंगे और आखिर एक साल में यह पद माधव नेपाल को मिलेगा।’

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