डे नाईट न्यूज़ देश के छह गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों ने पेट्रोलियम पदार्थों पर मूल्य अर्हित कर (VAT) नहीं घटाया है। इस कारण इन राज्यों में पेट्रोल व डीजल महंगा है। ये छह राज्य हैं पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल व झारखंड।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज लोकसभा में महंगे पेट्रोलियम पदार्थों को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच यह बात कही। पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर उत्पाद शुल्क कम किया। उसके बाद कुछ अन्य राज्यों ने अपनी ओर से वैट कम किया, लेकिन छह राज्यों ने वैट नहीं घटाया।
फिर भी देश में कम हैं कीमतें
देश में महंगे पेट्रोल के बाद भी मंत्री पुरी ने कहा कि भारत उन देशों में से एक हैं, जहां इसकी कीमतें अब भी सबसे कम हैं। उन्होंने बताया कि विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम ज्यादा होने से देश की तेल विपणन कंपनियों को 27,276 करोड़ का घाटा हो चुका है।
विपक्षी सांसद राज्य सरकारों पर दबाव डालें
पुरी ने कहा कि विपक्ष के सांसद वैट को कम करने के लिए अपनी राज्य सरकारों पर दबाव डालें। देश अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 85 फीसदी से ज्यादा आयात करता है। इसलिए, देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनकी कीमतों से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें कच्चे तेल की खरीद मूल्य, विनिमय दर, शिपिंग शुल्क, अंतर्देशीय भाड़ा, रिफाइनरी मार्जिन, डीलर कमीशन, केंद्रीय कर, राज्यों के वैट और अन्य लागत पर निर्भर करती हैं।
कच्चा तेल 102 फीसदी महंगा, फिर भी भारत में 18 से 26 फीसदी बढ़े दाम
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि नवंबर 2020 से नवंबर 2022 के बीच कच्चे तेल की औसत कीमत 102 फीसदी (43.34 डॉलर से 87.55 डॉलर हो गई) बढ़ी हैं। लेकिन, भारत में पेट्रोल और डीजल के खेरची दाम में केवल 18.95 फीसदी और 26.5 फीसदी वृद्धि हुई है।
6 अप्रैल से नहीं बढ़ाए गए दाम
पुरी ने कहा कि कच्चे तेल की विश्व बाजार में रिकॉर्ड कीमतों के बाद भी सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने 6 अप्रैल से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि नहीं की है। इस कारण वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में 28,360 करोड़ रुपये के कर पूर्व लाभ की तुलना में तीन कंपनियों आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल को चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में 27,276 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
केंद्र सरकार ने 21 नवंबर 2021 और 22 मई, 2022 को दो बार उत्पाद शुल्क घटाया। इससे दाम में 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की कमी हुई। केंद्र की कर कटौती के बाद कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने भी पेट्रोल और डीजल पर वैट दरों में कमी की।
विपक्ष ने किया बर्हिगमन
पेट्रोलियम मंत्री पुरी के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी दलों कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी और एनसीपी के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।