हरिद्वार: नगर निगम की बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा

डे नाईट न्यूज़ हरिद्वार नगर निगम की 26 नवंबर की विस्तारित बोर्ड बैठक मंगलवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। भाजपा पार्षदों ने मेयर के प्रतिनिधि एवं पति अशोक शर्मा पर नगर निगम के कार्यों में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मेयर के समर्थन में आए कांग्रेसी पार्षदों के साथ जमकर नोंकझोंक हुई। हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुंची और बमुश्किल पार्षदों को शांत कराया। संसद सत्र चलने के कारण बोर्ड बैठक स्थगित हो गई और अब 24 दिसंबर को होगी। 

मंगलवार को नगर निगम की बोर्ड बैठक टाउनहॉल में दोपहर 12 बजे के बाद शुरू हुई। भाजपा पार्षद विनीत जौली, ललित रावत सहित कई पार्षद धरने पर बैठ गए। विनीत जौली ने मेयर अनीता शर्मा से सवाल करते हुए कहा कि वह बताएं कि आखिर मेयर कौन हैं। उनके पति है या फिर वे। आरोप लगाया कि मेयर पति अशोक शर्मा चार साल से निगम के कार्यों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। 26 नवंबर की बोर्ड बैठक की प्रोसीडिंग में छेड़छाड़ की गई है। नेता प्रतिपक्ष सुनील अग्रवाल गुड्डू, अनुज सिंह, हितेश चौधरी ने कहा कि अशोक शर्मा के हस्तक्षेप के कारण वार्डों में होने जा रहे निर्माण कार्य भी अटक गए। उन्होंने जमीन के प्रस्ताव में भी छेड़छाड़ की है। 

आरोपों के बीच कांग्रेसी पार्षद राजीव भार्गव, उदयवीर चौहान, इसरार अहमद, रियाज अंसारी, जफर अब्बासी, कैलाश भट्ट मेयर के समर्थन में आ गए। उन्होंने भाजपा नेताओं पर रिमोट से चलने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद दोनों दलों के पार्षदों के बीच नोंकझोंक और तू-तू, मैं-मैं होने लगी। हंगामे की सूचना मिलते ही मायापुर चौकी प्रभारी संतोष सेमवाल टीम के साथ पहुंचे। पार्षदों को शांत किया। इसके बाद बैठक को संसद सत्र चलने की बात कहते हुए स्थगित कर दिया गया। जबकि कुछ पार्षद विस्तारित बैठक होने की बात कहते हुए स्थगित न करने की मांग कर रहे थे। 

मेयर ने सभी आरोपों का दिया जवाब 
भाजपा पार्षदों ने जब मेयर अनीता शर्मा और उनके पति अशोक शर्मा पर आरोप लगाए तो मेयर ने भी पार्षदों को स्पष्ट शब्दों में जवाब दिए। मेयर ने कहा कि बोर्ड की प्रोसीडिंग बैठक के बाद निगम कार्यालय में ही होती है। कोई अपने घर नहीं लेकर जाता है। किसी भी प्रोसीडिंग में छेड़छाड़ नहीं हुई है। जिस जमीन को प्रेम प्रकाश आश्रम को देने का प्रस्ताव था, उसका मामला पहले से ही न्यायालय में चल रहा है। ऐसे में प्रस्ताव कैसे पास किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि मेरे पति या फिर किसी कांग्रेसी पार्षद ने कोई जमीन अपने नाम तो नहीं कराई है। विरोध करने वाले भाजपा पार्षद कितने खरे हैं ये सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पति जनसेवक हैं। क्या उन्हें बोलने का अधिकार नहीं है। वह अच्छा कार्य कर रहे हैं। मेयर पति ने किसी की जमीन पर कब्जा नहीं किया है। मैं कांग्रेस से मेयर हूं, इसलिए हमें दबाने की कोशिश की जाती है। लेकिन हम दबेंगे नहीं। किसी पार्षद का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हुए एक व्यक्ति ने उनके पति को लेकर जिस तरह से गलत भाषा का प्रयोग किया उसे बिल्कुल बरदाश्त नहीं किया जाएगा। 

भाजपा पार्षदों ने नेता प्रतिपक्ष की ही नहीं सुनी बात 
संसद सत्र चलने के दौरान एक पार्षद ने नियम के मुताबिक बोर्ड बैठक न होने की बात कहते स्थगित करने की बात कह दी। भाजपा पार्षद मोनिका सैनी, सपना शर्मा ने कहा कि बैठक आज ही होकर रहेगी। जब विस्तारित बैठक है तो स्थगित करने का कोई मतलब ही नहीं है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष सुनील अग्रवाल भड़क गए। उन्होंने कहा कि अपने नेता ही की बात नहीं सुनी जा रही है। जिसे जाना है वो चला जाए, हम यही बैठे रहेंगे और बैठक कराएंगे। 

खेमों में बंटे नजर आए भाजपा पार्षद 
भाजपा पार्षद खेमों में बंटे नजर आए। नेता प्रतिपक्ष को दरकिनार करते हुए कुछ पार्षद अपनी बात पर अडिग हो गए। नेता प्रतिपक्ष पार्षदों को समझाते रहे। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं दिखा। इसके बाद सभी पार्षद बाहर निकलकर आ गए। जहां आपस में बातचीत के दौरान पार्षदों के बीच काफी बहस हुई। 

पांडेय और नेपाल आपस में भिड़े
प्रस्तावों को लेकर भाजपा पार्षद सुनील पांडेय और नेपाल सिंह प्रस्ताव की बात को लेकर आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच जमकर बहस होने लगी। मामला बढ़ता देख पार्षद प्रशांत सैनी ने बीच-बचाव किया। सुनील पांडेय को प्रशांत ने अलग ले जाकर समझा-बुझाकर शांत किया। तब जाकर मामला शांत हो पाया। 

मेयर अनीता शर्मा, नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती और पार्षदों ने पर्यावरण मित्रों को सम्मानित किया। साथ ही 10 पार्षदों की एक कमेटी बनाई। कमेटी वार्डों में बेहतर सफाई का कार्य करने वाले कर्मियों का चयन करेगी। इसके बाद उसे सम्मानित किया जाएगा। 

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