सीएम अरविंद केजरीवाल ने डीडीसीडी उपाध्यक्ष पर पाबंदियां हटाने का दिया निर्देश

डे नाईट न्यूज़ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने योजना विभाग को दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग (डीडीसीडी) के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह को उनके कर्तव्यों के निर्वहन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को वापस लेने का निर्देश दिया है। सूत्रों का कहना है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले महीने आयोग के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल से जस्मिन शाह को उपाध्यक्ष पद से हटाने को कहा था। उपाध्यक्ष को उनके कर्तव्यों का निर्वहन से प्रतिबंधित करते हुए उनके कार्यालय को भी सील कर दिया गया था। 

एलजी के एक आदेश के तहत उन्हें मिलने वाली सुविधाएं भी वापस ली गई थीं। मुख्यमंत्री/आयोग के अध्यक्ष की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि इस तथ्य को रिकॉर्ड पर रखना आवश्यक है कि उपराज्यपाल के पास इस मामले से संबंधित शिकायत पर संज्ञान लेने का न तो कानूनी अधिकार है और न ही उनके अधिकार क्षेत्र में है। 13 सितंबर की शिकायत के बाद शाह के कार्यालय को सील करने सहित दूसरी पाबंदियां लगाई गईं थीं।

सांसद प्रवेश वर्मा की तरफ से जस्मिन शाह के खिलाफ दी गई शिकायत पर इस मामले में कार्रवाई शुरू हुई थी। उन पर डीडीसीडी के उपाध्यक्ष का पद संभालने के साथ ही सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता के तौर पर काम करने का आरोप लगाते हुए मंत्री के विशेषाधिकार और भत्तों पर भी सवाल उठाए गए थे। योजना विभाग ने एलजी के निर्देश पर 17 नवंबर को एक आदेश में शाह को डीडीसीडी के अध्यक्ष के रूप में काम करने से रोक लगाते हुए उनके कार्यालय को भी सील कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री की ओर से आदेश में कहा गया है कि 29 अप्रैल, 2016 की अधिसूचना के तहत डीडीसीडी का गठन किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि डीडीसीडी के उपाध्यक्ष की नियुक्ति कैबिनेट के फैसले के तहत करने का प्रावधान है। मौजूदा उपाध्यक्ष को केवल आयोग के अध्यक्ष के अनुमोदन पर ही हटाया जा सकता है। उपराज्यपाल के उच्च संवैधानिक कार्यालय के सम्मान में मुख्यमंत्री ने इस मामले की शिकायत पर 17 नवंबर के आदेश की जांच करने के लिए कदम बढ़ाया कि क्या डीडीसीडी के उपाध्यक्ष ने कोई उल्लंघन किया है। सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद डीडीसीडी की तरफ से किसी तरह का उल्लंघन सामने नहीं आया।

आदेश में शामिल अहम बिंदु

  • आदेश में शाह के खिलाफ फंडिंग के आरोपों के गलत होने के कई कारण बताए गए हैं। यह आरोप कि शाह एक सरकारी अधिकारी हैं इसलिए सीसीएस (आचरण) नियम- 1964 से बंधे हैंं। यह मौलिक रूप से त्रुटिपूर्ण और गलत है। 
  • नियमों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के आदेश में कहा गया है कि शाह के खिलाफ कार्यवाही का मूल आधार है कि एक सरकारी अधिकारी के तौर पर नियुक्ति के बाद उन्होंने डीडीसीडी के उपाध्यक्ष कार्यालय का दुरुपयोग किया, यह निराधार और त्रुटिपूर्ण है। 
  • मुख्यमंत्री के आदेश में कारणों का हवाला देते हुए कहा गया है कि मेरा विचार है कि जस्मिन शाह पर की गई कार्रवाई बगैर औचित्य के हैै, इसलिए तत्काल वापस लेने की जरूरत है। 
  • सीएम ने आदेश में यह भी उम्मीद जताई है कि एलजी दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर के तौर पर बदलने के प्रयास में सक्रिय तौर पर भागीदारी 
  • करेंगे और इस दिशा में डीडीसीडी को जरूरी सुविधाएं मुहैया करेंगे। 
  • आदेश में योजना विभाग को 17 नवंबर के आदेश को तुरंत वापस लेने और डीडीसीडी के सामान्य कामकाज को सक्षम बनाने के लिए उचित निर्देश देने को कहा गया है, ताकि दोबारा कार्य शुरू किए जा सकें।
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