
डे नाईट न्यूज़ कोई मंच पर एक्टिंग करते हुए अचानक गिर पड़ा तो कोई डांस या व्यायाम करते समय अचानक हार्ट अटैक होने पर दुनिया से विदा हो गया। ऐसे हादसों की बढ़ते मामलों से लोग दहशत में हैं। वहीं, ह्दय रोग विशेषज्ञों की चिंता भी बढ़ी है। दरअसल, हार्ट अटैक यानि दिल का दौरा पडऩे से पहले शरीर आपको कई संकेत देता है, जिन्हें नजरंदाज करना अचानक कार्डियक अरेस्ट को सीधा न्यौता है। विशेषज्ञ शरीर को असहज करने वाले लक्षणों पर नजर रखने की नसीहत दे रहे हैं।
उच्च रक्तचाप की समस्या लगभग हर चौथे-पांचवें व्यक्ति में कॉमन हो गई है। अनियंत्रित रक्तचाप की वजह से दिल की धमनियां कठोर बनने लगती हैं, जिससे अचानक दौरा पडऩे की संभावना होती है। रक्तचाप की जांच नियमित करनी चाहिए। हाई ब्लड शुगर से कोरोनरी आर्टरी बीमारी का खतरा बढ़ा है, क्योंकि रक्त में शुगर की मात्रा बढऩे से ह्दय की धमनियां संकरी होने लगती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल अचानक धोखा नहीं देता बल्कि पहले ही तमाम लक्षणों के जरिये इसके संकेत देने लगता है। जिन पर नजर रखकर हार्ट अटैक के खतरे से बचा जा सकता है। मधुमेह पीडि़तों में हार्ट अटैक का खतरा 60 से 70 फीसदी अधिक होता है। हाई कोलेस्ट्रॉल शरीर की नलिकाओं में जमा हो जाता है, जो दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा देता है। कई बार सीने में होने वाले दर्द को एसिडिटी मानकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यह हार्ट अटैक का संकेत भी हो सकता है। सीने का दर्द गले और जबड़े तक जाने लगे तो यह भी हार्ट अटैक का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है। नाक से अचानक ब्लीडिंग को भी गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है।
दो प्रणालियों पर काम करता है दिल
मेट्रो अस्पताल के चेयरमैन एवं वरिष्ठ ह्दयरोग विशेषज्ञ डॉ. पुरुषोत्तम लाल बताते हैं कि दिल दो तरह के सिस्टम पर काम करता है। पहला सर्कुलेटरी सिस्टम है, जिसमें ब्लड पंपिंग करता है और धमनियों तक पहुंचता है। तीन में से यदि एक भी अर्टरी बंद होती है तो क्लॉटिंग होने से अचानक आर्ट अटैक हो सकता है। दूसरा इलेक्ट्रिक सिस्टम (विद्युत प्रणाली) है, जो हार्ट बीट को कंट्रोल करता है। विद्युत प्रणाली में समस्या उत्पन्न होने पर अचानक ब्लड पंपिंग रुक जाती है। इससे हार्टबीट बढऩे लगती है और दिमाग को रक्त प्रवाह नहीं होता। मरीज सुधबुध खो बैठता है। इस स्थिति को कार्डियक अरेस्ट कहा जाता है।
तेज शोर, ज्यादा काम… खतरे की घंटी
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. तरुण कुमार कहते हैं कि जरूरत से ज्यादा व्यायाम, शोर, अचानक नींद से जगाना भी अचानक हार्ट अटैक का कारण बन जाता है। इसका शिकार होने वाला एक बच्चा भी हो सकता और अधिक उम्र का व्यक्ति भी। सामान्य रूप से ये कारण उन लोगों में ज्यादा पाए जाते हैं जिनके परिवार में किसी न किसी की मौत अचानक हृदय गति रुकने से हुई हो। हालांकि देखा गया है कि उस दौरान किसी ने इसपर ध्यान ही नहीं दिया हो। इसकी वजह कार्डियोमायोपैथी और कुछ सिंड्रोम है।
अचानक हृदय गति रुकने से मौत के मामले
5 दिसंबर
बरेली के एक स्कूल में प्रार्थना के दौरान 23 साल के शिक्षक गोविंद देवल की तबियत अचानक बिगड़ गई। उसे तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गए। यहां डॉक्टरों ने दिल का दौरा बताकर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जहां उसकी मौत हो गई।
4 दिसंबर
मलीहाबाद में शादी के दौरान दुल्हन शिवांगी जयमाला स्टेज पर पहुंची और अचानक गिर गई। पास मौजूद परिजनों उसे तुरंत इलाज के लिए समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
2 दिसंबर
जबलपुर में ट्रैफिक सिग्नल पर बस चालक हरदेव पाल को अचानक दिल का दौरा आया। वह दमोह नाका -बरेला रूट पर बस चला रहा था। इस घटना के बाद उक्त बस रेड लाइट पर खड़े वाहनों को रौंदते हुए आगे चला गया, जिसमें एक अन्य की भी मौत हो गई थी।
2 दिसंबर
मेरठ की एक गली में कुछ युवक शाम को पैदल चलकर जा रहे थे। अचानक उनमें से एक युवक सीने पर हाथ रखकर छींकता है। एक सेकंड बाद वह अपने हाथों को अपनी गर्दन पर रखता है और जमीन पर गिर जाता है। इस घटना में उसकी मौत हो गई।
29 नवंबर
वाराणसी के पिपिलानी कटरा में शादी समारोह के दौरान 40 साल के मनोज विश्वकर्मा डांस करते हुए अचानक गिर गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले कर गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।हम भारतीयों को दुनिया के अन्य देशों के निवासियों की अपेक्षा दिल के दौरे का खतरा 10 गुना ज्यादा है। इसके लिए हमारा खान-पान और हमारी जीवनशैली जिम्मेदार है। इसलिए जरूरी है कि 30 वर्ष की आयु के बाद व्यक्ति को अपने हृदय संबंधी नियमित जांच करा लेनी चाहिए। जिन परिवारों में हृदय रोग का अनुवांशिक इतिहास रहा है उनके लिए यह जांच और भी जरूरी हो जाती है। सडेन हार्ट अटैक के लक्षणों पर निगाह रखी जाए तो इससे भी बचा जा सकता है। – डॉक्टर नरेश त्रेहान, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, गुरुग्राम
कोरोना महामारी के बाद अचानक हृदय की गति रुकने से होने वाली मौत की घटनाएं बढ़ गई है, दुनियाभर के देशों के आंकड़े यह बताते हें। लोगों के बीच और अस्पताल में अचानक हृदय की गति रुकने से होने वाली मौत के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। – डॉ. राकेश यादव, एम्स के कॉडियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर
देश में पांच से सात फीसदी दिल के दौरे के मामले 30 साल के कम उम्र के लोगों में पाए जाते हैं। जबकि करीब 50 फीसदी मामले 45 साल तक की उम्र तक और दो तिहाई मामले 55 साल की उम्र तक में पाया जाता है। -डॉ. संदीप बंसल, सफदरजंग अस्पताल में कार्डियोलॉजी के विभाग प्रमुख
उच्च न्यायालय ने सोमवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल को एक विवाहित महिला की चिकित्सा जांच में देरी करने के लिए फटकार लगाई। मस्तिष्क संबंधी असामान्यताओं से पीड़ित महिला ने अपने 33 सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने की मांग की थी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने अस्पताल को दोपहर एक बजे तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि संबंधित डॉक्टरों से कहें कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अदालत में पेश होना पड़ेगा। अस्पताल का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि चूंकि महिला अपनी तीसरी तिमाही में है जिसमें कुछ जटिलताएं शामिल हैं, मेडिकल बोर्ड भी चाहता था कि टीम में न्यूरोलॉजिस्ट भी हों।