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राजनीति में कुछ भी संभव है। कभी एक-दूसरे को फूटी आंख न देखने वाले अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए गठबंधन तय हो गया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को चाचा शिवपाल यादव से मिलने उनके घर पहुंचे। दोनों ने 45 मिनट साथ वक्त गुजारा। अचानक हुई इस मुलाकात पर सभी की नजरें टिक गईं। मुलाकात खत्म हुई तो अखिलेश ने चाचा के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया।
शिवपाल के घर से निकलने के बाद अखिलेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। 2017 चुनाव से पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच मनमुटाव हो गया था। जिसके बाद दोनों में दूरियां बढ़ती चली गईं। करीब 6 साल बाद फिर से शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच मुलाकात उनके घर पर हुई है।
शिवपाल यादव पश्चिम, अवध और बुंदेलखंड के करीब 10 जिलों की 60 से 70 सीटों पर असर रखते हैं। इसके पीछे वजह ये है कि उनका अभी भी सहकारी समितियों पर कब्जा है। साथ ही वह अपने कोर वोट बैंक यादव को भी सहेज कर चल रहे हैं। उनकी पकड़ यूपी के 9% यादव वोट बैंक पर है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जैसे-जैसे भाजपा को हार नजदीक दिखाई देगी, वैसे-वैसे उनके बड़े नेता दिखाई देने लगेंगे। दावा किया कि जनता बदलाव चाहती है। यही कारण है कि समाजवादी विजय रथ यात्रा को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि उम्मीद है कि आने वाले समय में परिवर्तन होगा और खुशहाली आएगी। लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि नहीं लगता है कि पूरी दुनिया में कहीं किसानों को कुचल दिया गया हो। कहा कि किसानों को न्याय नहीं मिल रहा है।
